मन, वचन एवं शरीर को एकाग्र करने का नाम ही योग है। जिससे छात्राएँ अपने अंदर निहित समस्त आतंरिक शक्तियों को उद्घाटित करती हैं। छात्राएँ अपनी आध्यात्मिकता की गहराईयों की जड़ें मजबूत बना सके एवं सार्वभौमिकता की ऊँचाईयों को प्राप्त कर सके, इन्ही भावनाओं को पूर्ण करने के लिए प्रतिभास्थली में योग एवं प्राणायाम का विशेष महत्व है।
युग दृष्टा आचार्य भगवंत गुरुवर विद्यासागर जी की अद्वितीय साधना एवं विश्व पर उनकी सीमातीत करुणा की अभिव्यक्ति हैं, “प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ“।
जहाँ संस्कार एवं संस्कृति के गवाक्ष से कन्या रूपी बीज के उत्थान की अनगिनत संभावनाओं को समयोचित खाद पानी देकर उन्हें वटवृक्ष का रूप देने का अदभुततम प्रयोग किया जाता हैं।
प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ
दयोदय पशु संरक्षण केन्द्र (गौशाला)
ग्राम- मसोरा खुर्द, ज़िला- ललितपुर (उ. प्र.) 284403