हमारा आदर्श
मनुजो मानवो भूयात्। भारतः प्रतिभारतः॥
मनु से उत्पन्न मनुष्य बुद्धि के तथा गुण एवं संस्कारों के संवर्धन से मानव बने और भारत प्रतिभा में निमग्न हो।
प्रतिभास्थली का उद्देश्य यही है कि वह प्राचीनतम संस्कारों की विरासत को पुनः पल्लवित कर मानव को मानव बनने तथा अपने मुक्त स्वरुप को प्राप्त करने का पथ प्रशस्त करना है, ताकि भारत पुनः अपने स्वर्णिम अतीत को प्राप्त कर सके।
संस्कृति, संस्कार, परिश्रम, अध्यात्म, कला, कौशल, आदि गुणों से पुनः भारत राष्ट्र अपनी प्रतिभा में रत हो सर्वोच्च पद प्राप्त करे।
युग दृष्टा आचार्य भगवंत गुरुवर विद्यासागर जी की अद्वितीय साधना एवं विश्व पर उनकी सीमातीत करुणा की अभिव्यक्ति हैं, “प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ“।
जहाँ संस्कार एवं संस्कृति के गवाक्ष से कन्या रूपी बीज के उत्थान की अनगिनत संभावनाओं को समयोचित खाद पानी देकर उन्हें वटवृक्ष का रूप देने का अदभुततम प्रयोग किया जाता हैं।
प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ
दयोदय पशु संरक्षण केन्द्र (गौशाला)
ग्राम- मसोरा खुर्द, ज़िला- ललितपुर (उ. प्र.) 284403