योग

मन, वचन एवं शरीर को एकाग्र करने का नाम ही योग है। जिससे छात्राएँ अपने अंदर निहित समस्त आतंरिक शक्तियों को उद्घाटित करती हैं। छात्राएँ अपनी आध्यात्मिकता की गहराईयों की जड़ें मजबूत बना सके एवं सार्वभौमिकता की ऊँचाईयों को प्राप्त कर सके, इन्ही भावनाओं को पूर्ण करने के लिए प्रतिभास्थली में योग एवं प्राणायाम का विशेष महत्व है।