भारत प्रतिभाओं में निपुण देश रहा है। भारत की प्रतिभाओं से विश्व गौरवान्वित होता आया है। रेखांकन, चित्रकला, मीनाकारी, सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, क्वीलिंग, लमासा, मेक्रम, मार्बल, मेहंदी, रंगोली, ग्लास पेंटिंग, हथकरघा, हस्तशिल्प, खेती, आयुर्वेद आदि समस्त रूचिवर्धक कलाओं का प्रतिभास्थली में उच्च कौशलविद् शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता हैं, जिससे छात्राओं में आत्म विश्वास, सृजनात्मकता, कल्पना, रचनात्मकता, कलात्मकता आदि समुचित गुणों का विकास होता है।
वह भारत के लिए एक सशक्त युवा पीढ़ी बनकर सामने आए, जो भारत को पुनः विश्व गुरु पद पर आसीन कर सके, इसी भावना को लेकर प्रतिभास्थली में सभी छात्राओं को उपरिल सभी कलाओं में पारंगत किया जाता है।