हस्त कौशल
भारत प्रतिभाओं में निपुण देश रहा है। भारत की प्रतिभाओं से विश्व गौरवान्वित होता आया है। रेखांकन, चित्रकला, मीनाकारी, सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, क्वीलिंग, लमासा, मेक्रम, मार्बल, मेहंदी, रंगोली, ग्लास पेंटिंग, हथकरघा, हस्तशिल्प, खेती, आयुर्वेद आदि समस्त रूचिवर्धक कलाओं का प्रतिभास्थली में उच्च कौशलविद् शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता हैं, जिससे छात्राओं में आत्म विश्वास, सृजनात्मकता, कल्पना, रचनात्मकता, कलात्मकता आदि समुचित गुणों का विकास होता है।
वह भारत के लिए एक सशक्त युवा पीढ़ी बनकर सामने आए, जो भारत को पुनः विश्व गुरु पद पर आसीन कर सके, इसी भावना को लेकर प्रतिभास्थली में सभी छात्राओं को उपरिल सभी कलाओं में पारंगत किया जाता है।
युग दृष्टा आचार्य भगवंत गुरुवर विद्यासागर जी की अद्वितीय साधना एवं विश्व पर उनकी सीमातीत करुणा की अभिव्यक्ति हैं, “प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ“।
जहाँ संस्कार एवं संस्कृति के गवाक्ष से कन्या रूपी बीज के उत्थान की अनगिनत संभावनाओं को समयोचित खाद पानी देकर उन्हें वटवृक्ष का रूप देने का अदभुततम प्रयोग किया जाता हैं।
प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ
दयोदय पशु संरक्षण केन्द्र (गौशाला)
ग्राम- मसोरा खुर्द, ज़िला- ललितपुर (उ. प्र.) 284403