आओ और सीखें

शिक्षा का कार्य व्यक्तित्व का संपूर्ण तथा सर्वांगीण विकास करना है। शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, संवेगात्मक, आध्यात्मिक आदि पहलुओं के विकास से ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास हो सकता हैं। इन पहलुओं के विकास के लिए ही पाठ्यसह्गामी क्रियाएँ शिक्षा का अनिवार्य एवं अभिन्न अंग है।